अधिगम का अर्थ व परिभाषाएँ
(MEANING AND DEFINITIONS OF LEARNING)
'सीखना' किसी स्थिति के प्रति सक्रिय प्रतिक्रिया है। हम अपने हाथ में आम लिए चले जा रहे हैं। कहीं से एक भूखे बन्दर की उस पर नजर पड़ती है। वह आम को हमारे हाथ से छीन कर ले जाता है। यह भूखे होने की स्थिति में आम के प्रति बन्दर की प्रतिक्रिया है। पर यह प्रतिक्रिया स्वाभाविक (Instinctive) है, सीखी हुई नहीं। इसके विपरीत, बालक हमारे हाथ में आम देखता है। वह उसे छीनता नहीं है, वरन् हाथ फैलाकर माँगता है। आम के प्रति बालक की यह प्रतिक्रिया स्वाभाविक नहीं, सीखी हुई है। जन्म के कुछ समय बाद से ही उसे अपने वातावरण में कुछ-न-कुछ सीखने को मिल जाता है। पहली बार आग को देखकर वह उसे छू लेता है और जल जाता है। फलस्वरूप, उसे एक नया अनुभव होता है। अतः जब वह आग को फिर देखता है, तब उसके प्रति उसकी प्रतिक्रिया भिन्न होती है। अनुभव ने उसे आग को न छूना सिखा दिया है। अतः वह आग से दूर रहता है। इस प्रकार, "सीखना- अनुभव द्वारा व्यवहार में परिवर्तन है।
हम 'सीखने' के अर्थ को और अधिक स्पष्ट करने के लिए कुछ परिभाषाएँ दे रहे हैं,
स्किनर के अनुसार - सीखना, व्यवहार में उत्तरोत्तर सामंजस्य की प्रक्रिया है।"
"Learning is a process of progressive behaviour adaptation." -Skinner
वुडवर्थ के अनुसार- "नवीन ज्ञान और नवीन प्रतिक्रियाओं को प्राप्त करने की प्रक्रिया सीखने की प्रक्रिया है।
"The process of acquiring new knowledge and new responses is the process of learning. -Woodworth
क्रो व क्रो के अनुसार-"सीखना, आदतों, ज्ञान और अभिवृत्तियों का अर्जन है।
“Learning is the acquisition of habits, knowledge and attitudes." -Crow and Crow
गेट्स व अन्य के अनुसार- "सीखना, अनुभव और प्रशिक्षण द्वारा व्यवहार में परिवर्तन है।"
"Learning is the modification of behaviour through experience and training."
-Gates and Others
बाल विकास एवं सीखने की प्रक्रिया
क्रॉनबैक के अनुसार - सौखना, अनुभव के परिणामस्वरूप व्यवहार में परिवर्तन द्वारा व्यक्त होता है Learning is shown by a change in behaviour as a result of experience." Cronback
सीखने की विशेषताएँ
(CHARACTERISTICS OF LEARNING)
योकम एवं सिम्पसन (Yoakam and Simpson) के अनुसार सीखने की सामान्य विशेषताएँ निम्नाकित है
1. सीखना : सम्पूर्ण जीवन चलता है (All Living is Learning) सीखने की प्रक्रिया आजीवन चलती है। व्यक्ति अपने जन्म के समय से मृत्यु तक कुछ-न-कुछ सीखता रहता है।
2. सीखना परिवर्तन है (Learning is Change)–व्यक्ति अपने और दूसरों के अनुभवों से सौखकर अपने व्यवहार, विचारों, इच्छाओ, भावनाओं आदि में परिवर्तन करता है।
3. सीखना सार्वभौमिक है (Leaming is Universal) सीखने का गुण केवल मनुष्य में ही नहीं पाया जाता है। वस्तुतः संसार के सभी जीवधारी पशु-पक्षी और कीड़े-मकोड़े भी सीखते हैं।
4. सीखना विकास है (Learning is Growth)—व्यक्ति अपनी दैनिक क्रियाओं और अनुभवो द्वारा कुछ-न-कुछ सीखता है। फलस्वरूप, उसका शारीरिक और मानसिक विकास होता है। सीखने की इस विशेषता को पेस्टालॉजी (Pestalozzi) ने वृक्ष और फ्रोवेल (Frobel) ने उपवन का उदाहरण देकर स्पष्ट किया है।
5. सीखना अनुकूलन है ( Learning is Adjustment) सीखना, वातावरण से अनुकूलन करने के लिए आवश्यक है। सीखकर ही व्यक्ति, नई परिस्थितियों से अपना अनुकूलन कर सकता है। जब वह अपने व्यवहार को इनके अनुकूल बना लेता है, तभी वह कुछ सीख पाता है।
6. सीखना नया कार्य करना है (Leaning is Doing Something New)
वुडवर्थ (Wood worth) के अनुसार-सीखना कोई नया कार्य करना है। पर उसने उसमें एक शर्त लगा दी है। उसका कहना है कि सीखना, नया कार्य करना तभी है, जबकि यह कार्य फिर किया जाय और दूसरे कार्यों में प्रकट हो।
7. सीखना अनुभवों का संगठन है (Learning is Organization of Experiences) सीखना न तो नये अनुभव की प्राप्ति है और न पुराने अनुभवों का योग, वरन् नये और पुराने अनुभवों का संगठन है। जैसे-जैसे व्यक्ति नये अनुभवों द्वारा नई बातें सीखता जाता है, वैसे-वैसे वह अपनी आवश्यकताओं के अनुसार अपने अनुभवों को संगठित करता चला जाता है।
8. सीखना उद्देश्यपूर्ण है (Learning is Purposive) सीखना, उद्देश्यपूर्ण होता है। उद्देश्य जितना ही अधिक प्रथल होता है, सीखने की क्रिया उतनी ही अधिक तीव्र होती है। उद्देश्य के अभाव सीखना असफल होता है।
9. सीखना विवेकपूर्ण है (Leaming is Intelligent)– मर्सेल (Mursell) का कथन है कि सीखना, यांत्रिक कार्य के बजाय विवेकपूर्ण कार्य है। उसी बात को शीघ्रता और सरलता से सीखा जा सकता है, जिसमें बुद्धि या विवेक का प्रयोग किया जाता है। बिना सोचे-समझे किसी बात को सीखने में सफलता नहीं मिलती है।
10. सीखना सक्रिय है (Learning is Active) - सक्रिय सीखना ही वास्तविक सीखना है। बालक तभी कुछ सीख सकता है, जब स्वयं सीखने की प्रक्रिया में भाग लेता है। यही कारण है कि डाल्टन प्लान, प्रोजेक्ट मेथड आदि शिक्षण की प्रगतिशील विधियों, बालक की क्रियाशीलता पर बल देती है।
11. सीखना व्यक्तिगत व सामाजिक, दोनों हैं (Learning is both Individual and Social) – सीखना व्यक्तिगत कार्य तो है ही, पर इससे भी अधिक सामाजिक कार्य है।
12. सीखना : वातावरण की उपज है (Learning is a Product of Environment) सीखना रिक्तता में न होकर, सदैव उस वातावरण के प्रति प्रतिक्रिया के रूप में होता है, जिसमें व्यक्ति रहता है। बालक का सम्बन्ध जैसे वातावरण से होता है, वैसी ही बातें वह सीखता है। यही कारण है कि आजकल इस बात पर बल दिया जाता है कि विद्यालय इतना उपयुक्त और प्रभावशाली वातावरण उपस्थित करे कि बालक अधिक-से-अधिक अच्छी बातों को सीख सके।
13. सीखना खोज करना है (Learning is Discovery) वास्तविक सीखना किसी बात की खोज करना है। इस प्रकार के सीखने में व्यक्ति विभिन्न प्रकार के प्रयास करके स्वयं एक परिणाम पर पहुँचता है।
अधिगम की ये विशेषतायें, उनके प्रकार तथा उसकी परिभाषाओं की उपज हैं। अधिगम में व्यवहार परिवर्तन होता है, यह परिवर्तन स्थायित्व लिये होता है। अनुभव, इन परिवर्तनों में योग देते हैं। होने वाले परिवर्तन अनुभव किये जाते हैं तथा उन्हें देखा भी जाता है। अधिगम में सम्बन्ध मूलकता पाई जाती है। यह व्यवहार का परिमार्जन कर ज्ञानात्मक, भावात्मक तथा मनोगत्यात्मक क्षेत्रों में वृद्धि करता है। यो व्यवहार विकास के महत्त्वपूर्ण सोपान के रूप में अधिगम महत्त्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह करता है।
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